धूप में छाँव में , गली हर ठांव में , थकते कहाँ थे कदम , मिटटी में गाँव में। धूप में छाँव में , गली हर ठांव में , थकते कहाँ थे कदम , मिटटी में गाँव में।
ग्राम्य राग-रंग ग्राम्य राग-रंग
साथ चले हर आवाजाही आसान हो चला हर सवाल चाह अनचाह हसीन ये जीवन की राह। साथ चले हर आवाजाही आसान हो चला हर सवाल चाह अनचाह हसीन ये जीवन की राह।
जीवन भ्रम जीवन भ्रम
एक प्रश्न चिन्ह सा जीवन, पूछता है... एक प्रश्न चिन्ह सा जीवन, पूछता है...
जीवन परीक्षा है जीवन परीक्षा है